लखीमपुर-खीरी। कांग्रेस नेत्री वैशाली अली ने उच्च न्यायालय द्वारा किसानों
को पिछले साल का गन्ने का बकाया भुगतान दिलाने के लिए निर्देश जारी किए जाने का स्वागत
करते हुए कहा है कि अगर न्यायालय के निर्देशानुसार एक हफ्ते के भीतर मिलों द्वारा गन्ने
का बकाया भुगतान शुरू न किया गया तो गन्ना किसान एक बार फिर आन्दोलन की राह पकड़ने के
लिए के बाध्य होगें।
आज जारी एक वक्तव्य में कांग्रेस नेत्री
ने कहा कि प्रदेश सराकर किसानों का बकाया भुगतान दिलाने के लिए गंभीर नहीं दिख रही
है इसीलिए प्रदेश सरकार द्वारा 4 से 7 दिसम्बर के बीच गन्ना मिलें शुरू किये जाने की
घोषणा करने के बाद भी मिलें तब शुरू हुई जब कर्ज में डूबे किसानों ने आत्महत्या करना
शुरू कर दिया तथा खेतों में खड़ा अपना गन्ना जलाना शुरू कर दिया और गन्ना किसान आन्दोलन
उग्र हो गया।
उन्होंने कहा कि गन्ना मिल मालिक न केवल किसानों को धोखा दे रहे है बल्कि अदालत
को भी गुमराह करने की कोशिश कर रहे है यही कारणा है कि मिलों पर कुल बकाया धनराशि जो
23 सौ करोड़ रूपया है उसे अदालत में दिये गये हलफनामें में मात्र 23 लाख रूपया बताया
गया। वैशाली अली ने बताया कि लखीमपुर की मिलों पर भी किसानों का सैकड़ों करोड़ रूपया
बकाया है और किसान अपने घरेलू खर्च चलाने तथा पारिवारिक समारोह कर पाने तक में खुद
को मजबूर पा रहा है।
इसके बावजूद गन्ना मिलें पिछले बकाये के भुगतान को लेकर गम्भीर नहीं दिख रही
है। कांग्रेस नेत्री ने बताया कि उन्हांेने गांव-गांव में गन्ना बकायादारों की सूची
बनवाना शुरू कर दिया है और यदि न्यायालय द्वारा निर्धारित अवधि के बाद तत्काल किसानों
का भुगतान न शुरू किया गया तो गन्ना किसान फिर से आन्दोन शुरू करेंगे।
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