लखीमपुर-खीरी। अब पुलिसकर्मी अपनी कार्यशैली सुधार लें नहीं तो कठोर कार्यवाही
के लिये तैयार रहें। यह बात प्रदेश मे बावरिया गैंग के सफाये मे महत्वपूर्ण भूमिका
निभाने वाले नवागत पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार सिंह ने अपने कार्यालय पर आयोजित
अपनी प्रथम पत्रकार वार्ता मे कही। जनपद हरदोई के मूल निवासी एसके सिंह 1985 बैच के
पीपीएस अधिकारी है। श्री सिंह 22 जुलाई 2000 से 23 अप्रैल 2002 तक जिले के अपर पुलिस
अधीक्षक रह चुके है। जनपद मे कुख्यात अपराधी रहे मुंडे का एनकाउंटर करने में श्री सिंह
की अहम भूमिका रही थी।
जनपद खीरी मे अपर पुलिस अधीक्षक के रुप मे तैनात रहे सत्येन्द्र कुमार सिंह
ने आज जनपद खीरी के पुलिस अधीक्षक के रुप मे कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने चार्ज
लेने के बाद सबसे पहले क्राइम चार्ट का अवलोकन किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि जिले
में मोबाइक चोरी की घटनाएं शीर्ष पर है। हालंाकि कप्तान ने आम जनमानस को भरोसा दिलाया
कि शीघ्र ही वाहन चोर गिरोह पुलिस के शिकंजे में होंगे। इसके लिये उन्होंने क्षेत्राधिकारियों
एवं निरीक्षकों को एक सप्ताह का समय देते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किये है।
उन्होने बताया कि कई वर्षों तक पुलिस विभाग की सेवा करने के बाद 49 वर्ष की आयु में
वे खीरी जनपद में पहली बार पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किये गए है, तथा वे सबसे कम
उम्र में पी.पी.एम.जी. का मेडल व राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वाले पुलिस अधिकारी हैं।
पूर्व में अपर पुलिस अधीक्षक रह चुके एस.के. सिंह जनपद खीरी के बारे मे भलीभांति
परिचित हैं। श्री सिंह ने बताया कि जनपद मे हो रहे अपराधों पर लगाम लगाना उनकी प्रथम
प्राथमिकता होगी। जिले में कानून व्यवस्था, साम्प्रदायिक सदभाव, तस्करी की रोकथाम,
अवैध पेड़ो की कटान की रोकथाम, संगठित अपराधिक गिरोह पर कड़ा शिकन्जा, प्रभावी गश्त,
मामलो का पंजीकरण, त्वरित विवेचना, वारंटियो की त्वरित गिरफ्तारी, अभियुक्तो की गिरफ्तारी,
सुगम यातायात व्यवस्था, महिला हिंसा के प्रति पूरी गंभीरता से कार्यवाही सहित सरकार
की मंशा के अनुरूप प्रभावी कार्यवाही उनकी
प्राथमिकताओ में शामिल है।
उन्होने कचेहरी मे शहीद सिपाही विक्रम प्रताप सिंह के हत्यारों, बिजुआ पुलिस
चैकी फूंके जाने की घटना, जनपद मे हो रहे अवैध कटान व गौकसी का खुलासा करने को एक चुनौती
के रुप मे स्वीकार करते हुए शीघ्र ही जनपद मे बढ रहे क्राइम के ग्राफ को कन्ट्रोल करने
की बात कही है। उन्होने जनता जनार्दन से भी अपील की है कि वह जनपद मे कहीं भी हो रहे
किसी भी अपराध की सूचना तत्काल उन्हे देें जिससे उन्हे तुरन्त रोककर अपराधियों के विरुद्ध
सख्त कार्यवाही की जा सके। उन्होने बताया कि अपराध को रोकने मे पुलिस की सहायता करने
वालो का नाम पूर्णतया गोपनीय रखा जायेगा।
उन्होने बताया कि दिसम्बर 2012 की डीपीसी में उनको आइपीएस कैडर मिला। वह
2005 बैच के आइपीएस अधिकारी बनाये गये है। यहां तैनाती के पूर्व वह तमाम अहम पदो पर
रह चुके है। नवागत एसपी ने कहा कि उन्हे जनता और मीडिया का भी इन सारे कार्याे में
पूरा सहयोग चाहिये और वह दी गई सूचनाओ पर तत्काल कदम उठायेंगे। पुलिस अधीक्षक ने यह
भी कहा कि महिलाओं, स्कूली छात्राओं की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
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