लखीमपुर-खीरी। जनपद के भीरा थाना क्षेत्र मे बस्तौली गांव में किसान सतपाल
द्वारा की गई फांसी लगाकर आत्महत्या मामले शासन व प्रशासन की उदासीनता उस समय नजर आई
जब मृतक के परिजन व हजारों की संख्या में आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को गुलरिया चीनी
मिल के सामने रख न्याय की गुहार लगा रहे थे।
उस समय अगर समय रहते मौके पर पुलिस ने सतर्कता दिखाकर परिजनों को आश्वासन देकर
कार्यवाही करने की बात की होती तो शायद यह न होता जो हुआ। इसे खाकी की हनक कहे या प्रशासन
की लापरवाही की सतपाल की मौत के बाद इस परिवार को आर्थिक सहायता तो दूर की बात कोई
भी प्रशासनिक अधिकारी संत्वाना तक देने नहीं आया। यही कारण रहा की परिजनों में सतपाल
की मौत ने चिंगारी से शोले का रूप लेते हुए गुलरिया चीनी मिल में इतना बड़ा हंगामा हुआ।
बवाल के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन ने काफी देर के बाद हालातों पर काबू
तो पा लिया लेकिन अगर एक दिन पहले ही प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया होता
तो शायद इतना बड़ा बवाल न होता। जहां एक तरफ मिल प्रशासन व गन्ना प्रशासन इस बात से
इनकार कर रहा है कि आत्महत्या करने वाले किसान सतपाल या उसकी माता व पत्नी के नाम से
चीनी मिल के उपर उसका किसी भी प्रकार का बकाया भुगतान नहीं हैं।
वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि
सतपाल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, और उनके उपर कई बैंकों का कर्जा था, अगर वह अपने
सटटे पर मिल को गन्ना देते तो बैंके अपना बकाया चुकता कर लेती। जिसके चलते इन्होने
पिछले सत्र में अपने छोटे भाई राजबहादुर की पत्नी रेखा सिंह के नाम की पर्चियों पर
गन्ना मिल को दिया था, और उसी का करीब 38 हजार रूपये चीनी मिल के उपर बाकी है।
मिल कर्मियों के निशाने पर थे मीडियाकर्मी
गुलरिया चीनी मिल पर सतपाल की मौत पर हुए बवाल की कवरेज कर रहे पत्रकारों को
भी मिल कर्मियों ने नही बक्सा। जिस समय मिल कर्मियों ने लापरवाही बरतते हुए अंधाधुंध
हवाई फायरिंग शुरू कर दी फायरिंग की आवाज सुनते ही सारे मिडियाकर्मी फायर करते हुए
सीन का कवरेज करने के लिए मिल गेट की तरफ बढ़े तो मिल कर्मियों ने इनकों कवरेज करने
से रोकने के लिए मीडियाकर्मियों के कैमरों पर तेज पानी की बौछारें करने लगे। यहीं नहीं
पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी के मिल परिसर के अन्दर जाते ही मीडियाकर्मियों को अंदर
कवरेज करने से रोक दिया।
चाय की चुस्कियों में निपट गयी फायरिंग की घटना
गुलरिया चीनी मिल पर हुए बवाल के बाद चीनी मिल प्रबंधन इस बात को सीधे डकार
गया कि उनकी तरफ से कोई फायरिंग हुई है। जब कि हजारों की संख्या में मौजूद भीड़ दिग्गज
नेताओं के अलावा बिजुआ पुलिस भी इस बात की गवाह है कि मिल प्रशासन द्वारा फायंिरंग
की गई है। लेकिन वहीं पुलिस इस मामले की छानबीन करने के बजाय मिलकर्मियों के साथ चाय
की चुस्कियां लेती नजर आ रही है। इससे यही प्रतीत होता है कि फायरिंग मामला सिर्फ चाय
की चुस्कियों में निपट गया है।
दूसरे दिन भी तैनात रहा भारी पुलिस बल
शुक्रवार के दिन गुलरिया चीनी मिल के सामने किसान आत्महत्या मामले मिल कर्मियों
वाभीड़ के बीच हुई झड़प के बाद माहौल को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने बवाल के दूसरे दिन
भी गुलरिया चीनी मिल में भीरा, मैलानी, हैदराबाद सहित कई थानों की पुलिस के अलावा सीओ
गोला टीपी सिंह ने किसी अनहोनी की आशंका से खुद ही मोर्चा संभाले रखा।
إرسال تعليق