लखीमपुर-खीरी। जनपद के सिंगाही नगर में लग रहे रामलीला मेले में चंदे के नाम
पर अधिक वसूली करने के आरोप में नाराज दुकानदारों ने हंगामा कर मेला कमेटी के विरोध
में नारे लगाये। अधिक चंदा होने के कारण तमाम दुकानदार अपनी दुकाने लेकर मेले से वापस
लौट गये। मेले का छठा दिन होने के कारण अभी तक दुकानें अधिक न होने के कारण मेले में
रौनक नहीं दिख रही है। नगर में इन दिनों मेला मैदान में रामलीला मेले की तैयारी जोरों
पर चल रही है।
मेले में क्राकरी की दुकान लगाये सलीम,
बिसात खाने के दुकानदार अमरजीत, फारूख मेले में ही चाय की दुकान लगाये उमर, रहमत आदि
ने मेला कमेटी पर आरोप लगाया है कि तीन मीटर दुकान लेने पर ५२५ रूपये व रात में दो
सीफेल जलाने के ८७५ रूपये वसूले जा रहे है। दुकानदारों का आरोप है कि जितना शुल्क इस
मेले में लिया जा रहा है इतना शुल्क जिले के किसी अन्य मेलों में नहीं लिया गया है।
लाइट व चंदा रसीद न देने पर मेला कमेटी दुकान लगाने नहीं देती है। दुकानदारों ने बताया
कि तराई इलाके का मेला होने के कारण अधिक बिक्री भी नहीं हो पाती। यदि बिक्री कम हुई
तो चंदे भर का पैसा देने में लाले पड़ जायेंगे। अधिक पैसा होने के कारण मेले में लगने
आये सर्कस वाला वापस लौट गया।
जयशाह मेला कमेटी अध्यक्ष ने मामले इनकार काते हुए बताया कि मैं तो हरिद्वार
में हूं। प्रत्येक दुकानदार से १७५ मीटर जगह देने का प्रस्ताव था। चंदा देने का भी
शुल्क निर्धारित किया गया था। यदि अधिक वसूली की जा रही है तो तीर्थ यात्रा से वापस
आने पर देखूंगा, उधर निघासन के एसडीएम डीपी पाल ने बताया कि मामले की जानकारी मिली
है। मेला कमेटी द्वारा दुकानदारों से पैसा वसूलना गलत है। कोई भी दुकानदार अपनी स्वेच्छा
से चंदा दे सकता है। कमेटी के सदस्यों द्वारा अधिक व जबरन चंदा वसूलने वालों के खिलाफ
जांच कर रिपोर्ट दर्ज कराई जायेगी।
जबकि २१ रूपये की कटती है रसीद
नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि मोहम्मद कयूम ने बताया कि मेला मैदान नगर के
करीब दस एकड में बना हुआ है। इस मेला मैदान की मात्र २१ रूपये की रसीद नगर पंचायत कार्यालय
काटता है। दुकानदारों से अधिक वसूली के मामले में नगर पंचायत का कोई लेना देना नहीं
है।
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