लखीमपुर-खीरी। भारत नेपाल सीमा पर स्थित प्रदेश का इकलौता दुधवा नेशनल पार्क
हमेशा देश विदेश के पर्यटको के लिए आकर्षण का केन्द्र बिन्दु बना रहता है। जनपद खीरी
मे स्थित दुधवा नेशनल पार्क का द्वार पन्द्रह नवम्बर को पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा।
पार्क प्रशासन ने पर्यटकों के स्वागत हेतु लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली है। इस बार
पर्यटको को पार्क मे घूमने हेतु महिला गाइड भी उपलब्ध रहेंगी।
बताते चलें कि दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना एक फरवरी 1977 को की गई थी।
उस समय यह पार्क विश्व के अट्ठारह सौ पार्काें मे से एक था और भारत का यह ग्यारहवां
पार्क था। उस वक्त उत्तर प्रदेश मे इस पार्क की संख्या दूसरे नम्बर पर आती थी क्योंकि
प्रदेश मे 1936 मे राष्ट्रीय उद्यान के रुप मे कार्बेट नेशनल पार्क की स्थापना हो चुकी
थी, परन्तु उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड के रुप मे अलग प्रदेश बन जाने के बाद कार्बेट
नेशनल पार्क प्रदेश से अलग हो गया। घने जंगलो, तालाब व नदियो के रुप मे किशनपुर सेन्चुरी
तक फैले इस पार्क मे विशेष रुप से टाइगर यानी बाघ प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। देश
मे घटती बाघों की संख्या को देखते हुए यहां बाघों को संरक्षण प्रदान करके उनका कुनबा
बढ़ाया जा रहा है, इसी कारण इसे दुधवा टाइगर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है।
इस बार पार्क प्रशासन द्वारा पर्यटको को घुमाने के लिए तीस प्रशिक्षित पुरुष
व महिला गाइडो सहित सोलह जिप्सी, व महावतो समेत तेरह हाथियों की टीम तैयार की गई है।
दुधवा नेशनल पार्क के डिप्टी डाइरेक्टर वी के सिंह से जानकारी करने पर उन्होने बताया
कि शासन को पार्क की दरंे बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन उस पर अभी शासन
से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है इसलिए पार्क घूमने व रहने की पुरानी दरें ही लागू
रहेंगी। इस बार पार्क प्रशासन ने दो कैन्टर बसें भी चलायी हैं जिनमे दो सौ रुपया प्रति
पर्यटक के हिसाब से पर्यटन का मजा लिया जा सकता है। उन्होने बताया कि पार्क के इतिहास
मे प्रथम बार महिला गाइड की भी सुविधा उपलब्ध करायी गई है जो पर्यटन हेतु आने वाली
महिला पर्यटको के लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
पार्क प्रशासन ने प्रथम बार रुम/हाउस कीपिंग की सुविधा भी प्रारम्भ की है जो
सर्विस चार्ज देकर प्राप्त की जा सकती है इससे किसी पर्यटक का कोई सामान चोरी नहीं
हो सकेगा। उन्होने आगे बताया कि पार्क मेब ने आधुनिक हट मे एसी व गीजर की उच्चीकृत
सुविधा भी पर्यटको हेतु उपलब्ध करायी गई है। श्री सिंह ने बताया कि अनुशासित पर्यटन
को बढ़ावा देने हेतु इस बार प्राइवेट वाहनो को पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पार्क मे उपलब्ध जिप्सी, कैन्टर बस, व रजिस्टर्ड टैक्सियों से ही पार्क का भ्रमण किया
जा सकता है।
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