रिश्वत न मिलने पर खुद ही मिलावट करता है खाद्य विभाग





लखीमपुर-खीरी। खाद्य विभाग की मिलीभगत से जनपद खीरी मे खाने पीने की चीजों मे मिलावट का धंधा बदस्तूर जारी है। एक तो जनपद का खाद्य विभाग जगह जगह से मिल रही रिश्वत के कारण सैम्पलिंग का कार्य करता ही नहीं और यदि करता भी है तो व्यापारियों से मुंह मांगी रकम न मिलने पर वस्तुओं मे खुद ही मिलावट करके खाद्य विभाग के नाम पर कालिख पोत रहा है।

ऐसी ही घटना जनपद के ब्लाक निघासन क्षेत्र के अंतर्गत कस्बा रकेहटी में हुयी जहां बेसन का सैंपल भरने पहंुची खाद्य विभाग की टीम पर व्यापारियों ने सैंपल लेकर टीम पर गुपचुप तरीके से खराब बेसन मिलाने का आरोप लगाते हुये उनकी गाडी का घेराव कर हंगामा काटना शुरू कर दिया। घटना की सूचना पर पहुंचे एसओ ने किसी तरह से व्यापारियों को शांत कराया।

ज्ञात हो कि दीपावली के त्यौहार के मद्देनजर खाद्य पदार्थों मे हो रही मिलावट पर अंकुश लगाने के लिये खाद्य विभाग की टीम दुकानों पर छापेमारी का अभियान चला रही है। जिससे सैम्पल भरने के नाम पर जनपद खीरी मे खाद्य विभाग मे वर्षाें से तैनात अधिकारी व कर्मचारी अवैध रुप से अपनी जेबें भरने का इंतजाम बखूबी कर रहे है। इसी क्रम में जनपद के निघासन क्षेत्र के कस्बा रकेहटी में खाद्य पदार्थों का सैंपल लेने के लिये खाद्य विभाग की एक टीम गाडी से शुक्रवार की शाम करीब ७.३० बजे रकेहटी पहुंची। वहां पर किराना व्यापारी लक्ष्मीचंद की दुकान में पैकेट में रखे बेसन का सैंपल लेकर टीम के एक कर्मचारी ने गाड़ी में बैठे साहब से मिलने की बात कही और वहां से चला आया। दुकान पर भीड़ होने के कारण जब लक्ष्मीचंद वहां नहीं पहुंचे तो वह कर्मचारी दुबारा दुकान पर आया।

आरोप है कि उस कर्मचारी ने लक्ष्मी चन्द्र से पांच हजार रूपये की मांग की। रूपये देने से मना करने पर वह कर्मचारी वापस चला गया। इस बात की जानकारी होने पर कुछ ही देर में कई व्यापारी मौके पर एकत्रित हो गये और गाडी में बैठी खाद्य विभाग की टीम के पास पहुंचे। बताया जाता है कि वहां पर टीम का एक सदस्य अधिकारी की मौजूदगी में रखा खराब बेसन सैंपल में मिलावट कर रहा था। इस पर नाराज व्यापारियों ने गाड़ी का घेराव कर हंगामा काटना शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसओ शिवगोपाल सिंह ने किसी तरह से व्यापारियों को शांत कराया तथा टीम भी अपना बचाव करते हुए जिला मुख्यालय के लिये रवाना हो गई।

इस बाबत फूड इन्स्पेक्टर एमपी सिंह से पूछने पर उन्होने बताया कि सुविधा शुल्क किसी कर्मचारी ने मांगा होगा मुझे जानकारी नहीं है। मैं तो गाडी में आगे बैठा था। पीछे किसी भी कर्मचारी ने खराब बेसन नहीं मिलाया है, लगाये गये सभी आरोप गलत है।

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