खुली चुनौतियां दे रहे खनन माफिया





लखीमपुर-खीरी। ‘‘है किसी में दम जो कर सके कार्रवाई‘‘ शायद खनन माफिया कुछ इसी तरह की चुनौती दे रहे है। कुछ राजनेताओं और बाहुबलियों खनन माफिया की जुगलबंदी के चलते क्षेत्र में बालू के अवैध खनन की जड़ें काफी मजबूत हो गई हैं और अब तो बढ़ती मांग के कारण खनन माफिया बालू में मिटटी की मिलावट कर चांदी काट रहे हैं। मिलावटी रेत का धंधा भयानक खतरे की घंटी भी है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि इसके प्रयोग से निर्माण कमजोर होगा। यानी इसका इस्तेमाल जितने बड़े निर्माण में होगा, खतरा उतना ही ज्यादा होगा। अनजाने या स्वार्थवश यदि इसका इस्तेमाल चारों तरफ खड़ी हो रही इमारतों में हो जाए तो भूकंप का हल्के सा झटका भी काफी होगा, इमारतें जमींदोज हो सकती हैं। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता जांचने वाला सरकारी अमला सो रहा हो तो यह खतरा कितना बड़ा है, इसका अंदाज लगाया जा सकता है।

 यह बालू जनपद के सिंगाही क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जौरहा, मांझा घाट, भौका घाट, सिन्हौना,दरैहटी,खैरीगढ़ आदि क्षेत्रों से लाई जा रही है। पर खनन  माफिया की चुनौती के आगे प्रशासन बौना साबित हो रहा है जिससे खनन  माफिया खनन कर अपनी जेबें भर रहे हैं और साथ मे राजस्व का नुक्सान कर रहे है।

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